यदि निस्वार्थ प्रेम यही है तो प्रेम "प्रेम" के नाम पर कलंकृत है। यदि निस्वार्थ प्रेम यही है तो प्रेम "प्रेम" के नाम पर कलंकृत है।
उड़ो ! कि उड़ान में तुम्हारा आसमाँ तक सिमट जाए गरजो, कि धरती की रूह भी सिहर जाए। उड़ो ! कि उड़ान में तुम्हारा आसमाँ तक सिमट जाए गरजो, कि धरती की रूह भी...
मां त्रिशूल धारी याद रखना मां शक्ति भी हैं एक नारी। मां त्रिशूल धारी याद रखना मां शक्ति भी हैं एक नारी।
कभी दुल्हन की सेज सजाए, तो कभी महफिलों की रौनक बढ़ाए। कभी दुल्हन की सेज सजाए, तो कभी महफिलों की रौनक बढ़ाए।
शून्यता...। शून्यता...।
अनकही कहानी...। अनकही कहानी...।